पतंगों की क्रांति लाई संक्रांति
पतंगों की क्रांति लाई संक्रांति
पतंगों की आई है क्रांति, लाई है संक्रांति,
मेरी पतंग सबसे ऊंची, कट गई तो सबसे नीची,
सररररररर फरररररर उड़ी पतंग,
खूब चिलाया पतंग -पतंग,
पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति।
खूब लगाया धागे से झटका,
मेरा धागा आसमान में अटका,
मेरी पतंग किसने देखी,
जिसने भी देखी कहा उनकी -उनकी,
पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति ।
कागज से उड़ाई मैंने,
धागे से जुड़ाई मैंने,
उड़ी पतंग सरररररर,
बोली पतंग फ़रररररर,
पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति ।
पतंग को उड़ाई धागा,
कटने पर में बहुत भागा,
मिली नहीं तो हुआ निराश,
सोचा अबकी बार फिर प्रयास,
पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति ।
