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Dharm Veer Raika

Children Stories Others

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Dharm Veer Raika

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पतंगों की क्रांति लाई संक्रांति

पतंगों की क्रांति लाई संक्रांति

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पतंगों की आई है क्रांति, लाई है संक्रांति,

मेरी पतंग सबसे ऊंची, कट गई तो सबसे नीची,

सररररररर फरररररर उड़ी पतंग,

खूब चिलाया पतंग -पतंग,

पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति।


खूब लगाया धागे से झटका,

मेरा धागा आसमान में अटका,

मेरी पतंग किसने देखी,

जिसने भी देखी कहा उनकी -उनकी,

पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति ।


कागज से उड़ाई मैंने,

धागे से जुड़ाई मैंने,

उड़ी पतंग सरररररर,

बोली पतंग फ़रररररर,

पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति ।


पतंग को उड़ाई धागा,

कटने पर में बहुत भागा,

मिली नहीं तो हुआ निराश,

सोचा अबकी बार फिर प्रयास,

पतंगों की आई क्रांति, लाई संक्रांति ।



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