प्रतिष्ठा इक नारी की
प्रतिष्ठा इक नारी की
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कुछ मर्द रुपी जानवर
मेरे शहर में भी बसते हैं,
उतार कर प्रतिष्ठा इक नारी
हवस लिये चलते हैं,
बन के राजा बेटा खुद
इक रानी बेटी को डसते हैं।
कुछ मर्द रुपी जानवर
मेरे शहर में भी बसते हैं।
लानत है एसी मर्दानगी पर
जो अपने सीने में रखते हैं,
अपनी हवस मिटाने को
माँ बहनों पे गंदी नज़र रखते हैं,
कुछ मर्द रुपी जानवर
मेरे शहर में भी बसते हैं।