परिवार, समय - कविता
परिवार, समय - कविता
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जो चले कदम चार,
वो है परिवार,
जो हो सुख दुख में साथ,
लेकर बड़ो का सर पर हाथ,
जो सोचे सबके बारे में अच्छा,
हो दिल से एकदम सच्चा