Neerja Sharma
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परिंदा
मेरे मन का
छटपटाता उड़ने को
प्रयास लम्बी उड़ान के लिए
अधूरी लालसा लिए लौट आता
हालात व संस्कारों से मज़बूर होकर
चाहकर भी न भर पाता उड़ान
मन के खुले पिंजरे में रहता
परिंदा ।
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