प्रेम की परिभाषा
प्रेम की परिभाषा
यूँ तो यह प्रश्न बहुत ही साधारण सा है
पर उत्तर इसे बनाता असाधारण सा है
क्या है प्रेम की परिभाषा कौन बताये मुझे?
कैसे करेंगे इसकी व्याख्या कोई समझाये मुझे
क्या ये आत्मा से आत्मा का है मिलन?
या फिर है किसी के लिए मरण -जीवन?
या फिर ये केवल शरीर तक ही सीमित ?
क्या सिर्फ दिखावा है या वास्तव में निहित?
क्या सच में होता है कोई प्रेम अमर?
या सब मरते हैं यदि रूप हो सुंदर?
इन सभी अनंत प्रश्नों का उत्तर ढूंढ रहा हूँ
क्या ज्ञात होगी सही परिभाषा ये सोच रहा हूँ
पर हकीक़त ये है कि प्रेम अपरिभाषित सा है
सबकी नज़रों में अलग परिभाषित सा है
इन सब अनंत विचारों से मुझे अभी तक यही
हुआ ज्ञात
शायद प्रेम की परिभाषा वही है जो रह
गई अज्ञात
