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Lakshman Jha

Others

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Lakshman Jha

Others

" पंख "

" पंख "

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हम तो कुछ नया

सीखना चाहते हैं !

विशाल क्षितिज के

कोने -कोने तक

पहुंचना चाहते हैं !

सीमित परिधिओं में

अखिर कब तक

उडान भरते रहेंगे ?

हम अपने पंखों के सहारे

सम्पूर्ण विश्व से जुड़ते रहेंगे !

सन्देश विश्वबंधुत्व,प्रेम ,

का हम जगा के रहेंगे !

घृणित नाटकीय मंच के पर्दों

को हम उठाकर ही रहेंगे !!


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