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MALA SINGH

Children Stories Inspirational

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MALA SINGH

Children Stories Inspirational

* पिताजी*

* पिताजी*

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पिताजी हमारे कितने प्यारे, 

कितने प्यारे, कितने न्यारे, 

बचपन में कंधे बैठाकर - 

ले जाते थे वो तो मेले. 

पहला दिन स्कूल का आया, 

उंगली पकड दाखिला कराया

गिनती और पहाड़े सिखाते थे 

वो तो हम को चलते ही चलते।

पिताजी...... 


पूजा पाठ का हुनर सिखाया

कई प्रार्थनाओंको याद कराया 

संस्कारों से भरा है उन्होंने - 

जीवन को हमारे - हमारे. पिताजी....

पाल पोसकर बड़ा कर दिया, 

विदाई का दिन आ ही गया, 

विदा हमको किया रोते रोते.

पिताजी...,.


पड दादा, पड नाना बन गए, 

पिताजी खूब वषोॅ के हो गए, 

लेकिन हम अब भी थे उनके - 

उतनें उतनें ही दुलारे.

 पिताजी हमारे...... 


भरा पूरा परिवार आपका, 

सबने किया था प्रयास पूरा, 

लेकिन अब अलविदा हो -

गए हैं पिताजी हमारे प्यारे। 

पिताजी हमारे कितने प्यारे

कितने प्यारे कितने न्यारे।

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