पहला स्पर्श
पहला स्पर्श
धिक् ताना धिक् ताना
अर्थव है खुशियों का खज़ाना
बहन मेरी माँ बनी आज
वात्सल्य से भरी आज
भूल पीड़ा नौ माह की
कितने दर्द सहे इस दिन के लिए
जान पे खेली पेट जब चीरा गया
पर देख पुत्र की पहली मुस्कान
सब कष्ट लगे बौना
वो शिशु का पहला स्पर्श
पहली किलकारी ,पहली अंगड़ाई
देख ह्रदय पुलकित ,मन रोमांचित
धीरे से वो अंखिया खोले
वो नाजुक सा फूल
रोता भी है हौले -हौले
कैसा है अद्भुत अनुभव
अभी तक करते थे खुद शरारत
कहलाते थे नटखट बच्चे
आज स्वम् बन माँ -बाप
सीना गर्व से फूला
ख़ुशी से हुआ मन बावरा
निशब्द हुआ मन
हुआ सभी का सपना पूरा
पिता शब्द का अर्थ
क्या है माँ का होना
सही अर्थो में अब है जाना
