STORYMIRROR

Arvina Ghalot

Others

2  

Arvina Ghalot

Others

फिर भी मैं पराई हूँ

फिर भी मैं पराई हूँ

1 min
127


माँ बताओ ना,

तेरी ही तो जाई हूँ

वही चौखट वही द्वार,

पीहर में फिर भी मैं पराई हूँ।

वही बंधू वही भ्रात

ऐसी क्या हुई है बात,

सात फेरे घूमते ही

बदल गई तुम रातों-रात।

चंद रोज पी संग रह आई हूँ

क्या इस लिए पराई हूँ?

माँ क्यों नहीं है

इस प्रश्न का जवाब?

ससुराल में कहते हैं

बाहर से आई है,

जनम जनम का साथ

सात फेरे अग्नि साक्षी,

कोई तो बताए मुझे

फिर भी मैं पराई हूँ।




Rate this content
Log in