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Writer Rajni Sharma

Others

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फौजी मेरी पहचान

फौजी मेरी पहचान

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एक सपना जो बचपन से इन आँखों ने देखा था बदन पर वर्दी होने का, 

भारत माँ की रक्षा में एक दिन शहीद होने का,

हाँ ! वह सपना आज सच हो गया है, 

दिल में अब और कोई ख्वाहिश ही नहीं, 

बिन मांगे सब कुछ मिल गया हो जैसे, 

आज आँखों में एक नई-सी चमक है कोई निराशा नहीं,

आज हाथों में बंदूक है वह हताशा नहीं।


हमेशा से मैंने यही सपना देखा था, कि देश के लिए कुछ करुँ, 

कुछ ऐसा बनकर दिखाऊँ कि एक दिन सब गर्व करें

और आज वह सपना पूरा हो गया।

पूरा हो गया मेरी माँ का वह सपना,

जो चाहती थी कि एक दिन वो गर्व से सर उठा कर कहे,

मेरा बेटा देश की रक्षा के लिए सरहद पर जा रहा है।


आज मेरे पिता का वह सपना पूरा हो गया, 

जो उन्होंने देखा था कि एक दिन मेरा बेटा देश के लिए कुछ करेगा,

और सब मुझे एक फौजी का पिता कह कर बुलायेंगे।


आज पूरा हो गया मेरी बहन का वो सपना, 

जो उसने देखा था कि सब एक दिन उसके भाई को सेल्यूट करेंगे, 

वतन के रखवालों में उसके भाई का नाम आएगा।


आज मेरी पत्नी का वह सपना पूरा हो गया, 

जो उसने बरसों से देखा था कि

वह एक बहादुर फौजी की फौजन कहलाएगी।


आज मेरा वह सपना पूरा हो गया, 

कि मेरी भी पहचान भारतीय फौजी के नाम से जानी जाएगी

कि मेरी भी पहचान भारतीय फौजी के नाम से की जाएगी।



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