STORYMIRROR

Deepika Dalakoti Dobriyal

Others

2  

Deepika Dalakoti Dobriyal

Others

पदमावती

पदमावती

1 min
175

थी उथल पुथल ऐसा था वक़्त

पवित्रता से सशक्त रक्त

वो दामिनी, गज गामिनी

वो राजपुतानी स्वामिनी

पावक परीक्षा की घड़ी

वो पतिव्रता आगे बढ़ी

थी अग्नि की ओर अग्रसर

देखे कुटुम्ब आह भर

उन स्वर्णिम लपटों को याद कर

जब लिए थे फेरे गठबंधन बांधकर

उसी अग्नि को मुक्ति मान कर

पत्नी धरम अपना जान कर

तेज से तेजस्विनी मिली

उसके स्पर्श से अग्नि खिली

अब था उसका श्रृंगार वही

वो बनी सीता, वो हुई सती।


Rate this content
Log in