पापा
पापा
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सिर पर है हाथ आपका
इसलिए नहीं लगता है अभी भी डर
खुद धूप में रहकर हमेशा छाँव देते थे
आप हर कदम
दिन रात मेहनत करते थे आप
ताकि हमें किसी चीज़ की कमी
महसूस ना हो जाये
दिखते हैं आप बहुत गंभीर
पर अन्दर से आप नरम है
घर की दीवार तो आप पर खड़ी है
आप तो घर की ताकत हैं
नन्हे से मेरे हाथों को पकड़ कर
मुझे घूमने ले जाते थे आप
दिन गुजर गए
मैं छोटे से बड़ी बन गयी
ससुराल जाते वक़्त मेरे
छोटे बच्चे की तरह रो रहे थे आप
आप के बारे में और क्या बोलूं
आज भी मैं आपके लिए वो छोटी सी परी हूँ
जिस के पंख पापा आपके बिना अधूरे हैं
