नये मोड़
नये मोड़
जीवन मे तेरे आएंगे हर दिन नये मोड़
पर तू हर दिन ही करना एक नई खोज
हजार चेहरे आएंगे,हजार चेहरे जाएंगे
तू रहना बस आईना साफ-सुथरा बेजोड़
जब होगी मुफलिसी,लोग करेंगे मरोड़
तू पहने रहना सदा,स्वाभिमान लंगोट
जो तू खुद में ही रहा सदैव लोटपोट
फिर कोई न देगा तेरे हृदय को चोट
तेरे अपने ही छीन लेंगे तेरे बहुतेरे सपने,
अपनो से खायेगा दिल पर नित नई चोट
जीवन मे तेरे आएंगे हर दिन नये मोड़
तू चलना सिंह की तरह होकर बेख़ौफ़
यह मनुष्य जीवन है,बहुत ही अनमोल
लोगों की बातों से खुद को कभी न तोल
यहां असफल को लोग सलाह देते है,रोज
सफल मनुष्य को कभी नही कहते है,चोर
जीवन में तेरे आएंगे हर दिन नये मोड़
पर तू साखी सच्चाई पथ कभी न छोड़
सत्य-अग्नि ही खत्म करेगी तेरा खोट
तू बन जायेगा,साखी स्वर्ण सुनहरा स्रोत्र
सत्य के रास्ते मे माना दुविधा है,बहोत
लोग सच की राह में टांग लगाते है,बहोत
पर वो ही परिंदे,आसमाँ को छूते है,दोस्त
जो नित नए मोड़ पर चलता गज गोत्र
जीवन मे कितने ही आये नित नए मोड़
तू ईमानदारी की चादर ओढ़े रहना रोज
कर्तव्य पथ पर चलते हुए चाहे आये मौत
कभी नहीं छोड़ना खुद की खुदी की मौज।