नशा
नशा

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पैमाना नशे का
आज
भर ही गया
नशा जो छाया था
मेरी आँखों में
आज
उतर ही गया
नक़ाब तुम्हारे चेहरे से
आज
नियति ने
उतार ही दिया
दुनिया क्या है
यह तुमने
आज
दिखा ही दिया