नोटबंदी के सुखद परिणाम
नोटबंदी के सुखद परिणाम
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देखन काय ने गई,
देखन काय ने गई,
बैंकन, एटीएम के आगें,
भारी भीड़ लगी।
दूर से लाइन ऐसी लग रहीं,
जैसे बंटरो तेल,
धीरे-धीरे लेन सरक रई,
जैसे पैसेंजर रेल।
देखन काय--------------
तनक दिनन की बात है भैया,
बिल्कुल मत घबराओ,
नए नोट अब मिलन लगें है,
उनसे खर्च चलाओ,
देश में खुशहाली आ है,
मिलकर जश्न मनाओ।
देखन काय------------
अलगाववादी थर-थर कांपे,
ऐ मेरे भाई जान,
पत्थरबाजी कैसे करा है,
हो गओ काम तमाम,
सारे रुपैया कागज हो गए,
हो गई प्लानिंग फेल।
देखन काय ने गई,
देखन काय ने गई,
बैंकन, एटीएम के आगें,
भारी भीड़ लगी।।
