Nitu Mathur
Others
जिनका रक्त बहता है धमनियों में,
जिनकी सांसों से चलती है हमारी सांस,
क्यूँ चले गए एकदम बिना कुछ बताए
सारी अधूरी रह गई आस
अब कैसे धीरज धरें हम..
कैसे समय बितायें
ऐसी कठिन घड़ी प्रभु
कभी किसे ना दिखाए...
नव उद्देश्य
नई नादानियाँ
धुआँ
परिधान
कौन याद रखता ...
जीवंतता
कीमत सिंदूर क...
मैं अपने रंग ...
सच्ची प्रतिज्...
नृत्य बाला