नमन
नमन
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जिनका रक्त बहता है धमनियों में,
जिनकी सांसों से चलती है हमारी सांस,
क्यूँ चले गए एकदम बिना कुछ बताए
सारी अधूरी रह गई आस
अब कैसे धीरज धरें हम..
कैसे समय बितायें
ऐसी कठिन घड़ी प्रभु
कभी किसे ना दिखाए...