नकली चेहरे
नकली चेहरे
फेसबुक....दुनिया चेहरों की
दुनिया है ये, अनदेखे ,अनजाने चेहरों की,
अक्षरों और शब्दों की गलियाँ हैं यहाँ, आते जाते संदेशों की...
यहाँ हवा में ठहरे ,अंतरजाल में भी बनते हैं रिश्ते,
पहचान नहीं है कोई,फिर भी लगते हैं अपने.....
बंधे नहीं हैं ये, जन्म के नातों, और रिवाजों से,
नज़रों से हैं दूर बहुत, बस भावनाओं का खेल है,
सामने नहीं है कोई,फिर भी जाने कैसा मेल है.....
हैं ये ऐसे,बंधन,जो साथ तो हैं पर, साथ नहीं,
पास तो हैं पर पास नहीं,
मुश्किल तो यही है कि,दूर हो कर भी दूर नहीं....
पहचानता है दिल इन्हें,पर
ये रहते ,कहीं आसपास नहीं....
मिलते हैं विचार कहीं ,फिर भी कोई पहचान नहीं....
बस, एक दुनिया है अनदेखे, अनजाने चेहरों की....