STORYMIRROR

Hardik Mahajan Hardik

Others

3  

Hardik Mahajan Hardik

Others

नींदें सबकी उड़ाई

नींदें सबकी उड़ाई

1 min
331

बचपन में कान्हा नटखट पन में नींदें सबकी उड़ाई,

मोह लिया सबका मन कान्हा तूने जब बंसी बजाई।


दिल में बसा सबका प्रेम कान्हा ऐसी भाषा सिखलाई,

राधा के संग रास रचाया गोपियाँ भी थारे संग आयीं।


जब लीला इतनी सुंदर कान्हा सबके मन को लुभाई,

वृंदावन में ख़ुशियाँ फिर आई जब हरियाली हैं छाई।


जब-जब कोई अधर्म हुआ हैं वहाँ और बुराई आयी,

तब धर्म की रक्षा की तुमने पापियों को धूल चटाई।


Rate this content
Log in