नारी शक्ति है
नारी शक्ति है
नारी शक्ति है,
उसे शक्ति ही रहने दो ।
नारी शक्ति है,
उसे सुर में बहने दो ।
नारी नहीं है अबला,
उसे सबल ही रहने दो ।
नारी है स्वाभिमानी,
उसे स्वाभिमान से रहने दो ।
नारी है दुर्गा ,काली ,
उसे पूजनीय ही रहने दो ,
नारी है सशक्त सम्पूर्ण,
उसे पुष्प की तरह महकने दो ।
नारी से है सृष्टि ,
उसे सृष्टि का आधार रहने दो,
नारी है संस्कारी,
उसे कभी लाचार न बनने दो।
नारी ऋचाओ में लिखी,
उसे पाकीजा ही रहना दो,
नारी निर्मल है गंगा सी,
उसे विवशताओं में न बंधने दो।
नारी है मातृशक्ति,
उसे दर्द के दरिया में ना डूबने दो।
नारी है जगतजननी,
उसे समाज में मान से रहने दो ।।
