कभी करीब से देखो मौत को परवानो कि तरह, तो उसके दामन में गिरे अश्क में भीग जाने को दिल हो ही जायेगा। कभी करीब से देखो मौत को परवानो कि तरह, तो उसके दामन में गिरे अश्क में भीग जाने ...
A poem about changing the centres A poem about changing the centres
लोगों से क्या, अब खुद से अंजान रह जाते हैं शीशे में भी हम, नज़र नहीं आते हैं|| लोगों से क्या, अब खुद से अंजान रह जाते हैं शीशे में भी हम, नज़र नहीं आते हैं||
जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती। जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती।
भूल मत जाना कहींवरना फिर कयामत है,आज़ादी सुरक्षित रखो।बापू की अमानत है। भूल मत जाना कहींवरना फिर कयामत है,आज़ादी सुरक्षित रखो।बापू की अमानत है।
if u are finding diffulties and hardtime in your life i.e. obvious in every person's life......this ... if u are finding diffulties and hardtime in your life i.e. obvious in every pers...