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मुस्कान

मुस्कान

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लोगो ने इस युग में कमाई आन बान और शान है

ज़िन्दगी की असली पूंजी तो लेकिन मेरी मोह्हबत की मुस्कान हैं मुस्कान यह मुस्कान,

क्या काफी नहीं यह मुस्कान मृत को वापस जिंदा कराने के लिए

मुस्कान यह मुस्कान, क्या काफी नहीं

यह मुस्कान मोह्हबत क्या होती हैं बताने के लिए

मुस्कान यह मुस्कान, क्या काफी नहीं यह

मुस्कान किसी रोते हुए को हँसाने के लिए,

बहलाने के लिए, फुसलाने के लिए

आज कह देता हूँ मैं,

काफी है यह मुस्कान खुद को

जग में सबसे सुंदर कहलाने के लिए

दुनिया को मानना पड़ेगा, कि काफी है यह मुस्कान बड़े से बड़े गम को भुलाने के लिए

कि काफी है यह मुस्कान बुरी सी बुरी याद को भुलाने के लिए

कि काफी है यह मुस्कान,

हाथो की रेखाओं से बुरी किस्मत को मिटाने के लिए

किसी बेसुरे जालिम को भी प्यार के मीठे गीत गवाने के लिए

काफी है यह मुस्कान मुहब्बत के सागर में किसी को भी बहाने के लिए

डूबे हुए को वापस तैराने के लिए

हारे हुए को जिताने के लिए

हार माने हुए को उम्मीद की किरणें दिखाने के लिए

वैसे तो यह पंक्तिया कम ही हैं, सुनाने के लिए

लेकिन असल जिंदगी में इन पंक्तियों की जरूरत ही नहीं

किसी प्रेमी को अपने प्रेमी से अपना प्रेम जताने के लिए।


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