मुलाकात
मुलाकात
आज फिर उनसे
मुलाकात हो गई
भूली बिसरी बातों की
बरसात हो गई,
दौर जब चला
उनके पैमानों का
उम्र सिकुड़कर
बचपनात हो गई,
था एक जमाना
जब मिलते थे छुपकर
आज तो मुलाकात
सरेआम हो गई,
कुछ हमने कहा
कुछ उसने कहा
कहने सुनने में ही
रात हो गई,
शिकायतों उलाहनों का
दौर चलता रहा
बिन सुने ही हमारी
मसलाहत हो गई,
"निशा"आज फिर उनसे
मुलाकात हो गई
भूली बिसरी बातों की
बरसात हो गई।
