“ मोहब्बत “
“ मोहब्बत “
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“ मोहब्बत “
दुनिया मिलने को मोहब्बत कहती है ,
मैं मिटने को मोहब्बत कहता हूँ
दुनिया खुदा की बस्ती को जन्नत कहती है ,
मैं इस दुनिया को जन्नत कहता हूँ
दुनिया लड़के – लड़की के मिलने को मोहब्बत कहती है ,
मैं तो कतरे – कतरे के मिलने को मोहब्बत कहता हूँ
जिसे देखा नहीं अब तक , दुनिया उसे खुदा कहती है ,
जिसे देखा है सबने , मैं तो उसे मोहब्बत को खुदा कहता हूँ
जो मनन्ते पूरी कर दे , दुनियाँ उसे खुदा कहती है ,
जो दिलों को मिला दे मैं तो उसे खुदा कहता हूँ
चाँद पर जाने को दुनिया तरक्की कहती है ,
मैं तो इस दुनिया में अमन को तरक्की कहता हूँ .
