Krishna Basera
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सब मोह है
कच्चे से है धागे
टूटने ही तो हैं एक दिन
पहली मुलाक़ात
मुझे आज भी नह...
मेरे मौला
तन्हाई : दास्...
मोहब्बत
खामोशी
चलते-चलते
जब खुद से खुद...
मुसाफ़िर
आख़िरी सलाम