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Shweta Mangal

Others

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Shweta Mangal

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मिट्टी का पुतला

मिट्टी का पुतला

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क्या मैं मिट्टी का पुतला हूँ ?


काश ऐसा ही होता

तो मैं अपने सब

प्रियजनों को ख़ुश कर सकती।


हर व्यक्ति की इच्छानुसार

अपने आप को ढाल तो लेती ,

एक इंसान न बनकर

बस मिट्टी का पुतला बन जाती।


सबकी अच्छाइयाँ रख लेती,

ग्रहण न करती कोई बुराई।

काश बन जाती

मिट्टी का पुतला।


अपनों के मुख पर

एक मुस्कान हेतु।


परन्तु नहीं, 

मैं एक इंसान हूँ

नहीं हूँ मैं एक

मिट्टी का पुतला।


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