महात्मा जी को नमन
महात्मा जी को नमन
अहिंसा पर चलने वाला हूँ
नहीं किसी को मारुँगा
अटल विश्वास रखने वाला हूँ
नहीं अंत तक हारुँगा
अदृश्य बैरी हैं चारों ओर
घात लगाकर बैठे हैं
मेरी मेहनत मेरी ताकत है
वो क्यूँ मुँह फुलाए बैठे हैं
गुस्से प्रतिक्रिया से बचना है
उकसाने को तैयार हैं वो
नीचा दिखाने और दबाने को
धूर्त कपटी बेकार हैं जो
खुद को प्रेरित करना पड़ता है
हौंसला व हिम्मत लाने को
टिके रहना पड़ता है मजबूती से
अपनी मंजिल पाने को
कार्य हमेशा करता रहता हूँ
परिणाम अच्छे लाने को
खाली कभी नहीं रहता हूँ
चिंता फिक्र मिटाने को
बाधाओं बिना जीवन नहीं होता
कम व ज्यादा निर्भर करता है
अपना श्रेष्ठ देना होता है
न करने वाला तो मरता है
मूल्यों को बनाए रखता हूँ
अनैतिकता से केवल हानि है
आगे बढ़ते ही रहना है
यही मेरा लक्ष्य ठानी है
मेरे जीवन में जो हैं आदर्श
पढ़ कर उनको लेता हूँ परामर्श
समर्पित करता हूँ श्रृद्धा सुमन
महात्मा जी को है मेरा सप्रेम नमन।