मेरी प्यारी मां।
मेरी प्यारी मां।
मेरी प्यारी मां।
सीधी,सरल,संतोषी है,
हम बच्चों कि कामधेनु है,
ममता से भरा हृदय है उसका,
हम बच्चो की सुख व खुशियों की खातिर,
छण भर में अपना सुख न्योछावर करती है,
अवलोकितेश्वरा से भी करुणामई है,
हम बच्चो की खातिर नित्य पूजा करती है,
पूजा के बाद ही कुछ ग्रहण करती है,
बुखार में भी निर्जला व्रत रखती है,
वो सबको सुनती-समझती है,
हां वो जरा ऊंचा सुनती है,
पर हम बच्चो का सुनती है,
वो अब बूढ़ी हो गयी है,
पर हम बच्चो की खातिर आज भी खाना बनाती है,
बार-बार पूछ कर खिलाती है,
कोई क्या समझेगा मुझे,
वो एक नज़र में मुझे पढ़ लेती है,
मेरी सेहत का हाल एक नज़र में बता देती है,
मै लड़ता - चिल्लाता और ज़िद्द करता हूं,
ऐसा अपना हक समझता हूं,
आखिर लाडला जो हूं उसका,
वो कभी-कभी मुझे डांट देती है,
कभी - कभी हल्का सा पीठ पर ठोक देती है,
पर मै लौटकर उसी के पास जाता हूं,
वो प्यार से मुझे समझाती है,
मै झट से समझ जाता हूं,
वो मेरी प्यारी मां है,
और मै उसका बच्चा हूं,
मेरी मां है तभी मै इस दुनिया का हूं,
मेरी मां है तभी मै इस दुनिया में हूं,
वो मेरी प्यारी मां है,
और मै उसका बच्चा हूं।
