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Vijay Kumar parashar "साखी"

Others

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Vijay Kumar parashar "साखी"

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मेरी पसंदीदा किताब

मेरी पसंदीदा किताब

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मेरी सबसे ज़्यादा पसंदीदा क़िताब

'भागो नहीं भाग्य को बदलो ज़नाब'

इसके रचयिता हैं स्वेट मॉर्डन साहब

कर्म की महिमा इसमें बतायी गयी है

कर्म से दुर्भाग्य भी बन जाता है लाजवाब

भागने की बजाय,

वीरता से शहीदों को दिया इसने खिताब

इसका हर शब्द है सोना,

हर शब्द में समाया है अनुभव का शबाब

तीर से ज्यादा तीक्ष्ण है,इसके हर शब्दों का वार

दिल को छूकर बनाता है हमें नवाब

एकबार इसको जरूर पढ़कर देखें

गीता के जैसे अच्छे शब्दों से,

सजी है ये नायाब किताब।



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