मेरी पेंसिल
मेरी पेंसिल
माँ दो पेंसिल लेकर आई
लाल दी मैना को, पीली रामू को ।
मैना - रामू नई पेंसिल पाकर
खूब इतराते घरभर में घूमे
मैना बोली -
मेरी पेंसिल बड़ी ही सुंदर,
रामू बोला - मेरी है सबसे सुंदर ।
दोनों लड़े खूब लड़ाई,
मेरी सुंदर हाँ मेरी पेंसिल सुंदर ।
माँ ने उनको पास बुलाया
बड़े प्यार से उन्हें समझाया,
हर रंग देखो सबसे अलग है और
हर रंग का अपना महत्त्व है ।
ये पेंसिल लाल और पीली हैं पर
इनका महत्त्व तुम्हारी शिक्षा से है ।
जो सचमुच अच्छा पढ़ेगा,
अच्छा लिखेगा,विचारों को श्रेष्ठ बनाएगा,
उसकी पेंसिल ही सबसे सुंदर कहलाएगी ।
मैना - रामू दोनों मुस्कुराए,
माँ की बात को समझकर बोले-
अब न लड़ेंगे हम दोनों,
शिक्षित होकर हम दोनों ही,
हर पेंसिल का और सबका
मान सदा बढ़ाएँगे ।
