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Nalanda Satish

Others

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Nalanda Satish

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मेरी कविता

मेरी कविता

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अल्फाज़ों की परत-दर-परत खोलती

परिंदा बन आसमां को छूती कविता

हवाएं तेज़ हो या चाहे मंडराए बादल

शबनमी आँखों से छलकती है कविता


बांहों में लेकर दुलारती हैं मुझको

महबूब बनकर पन्नों पर सजती कविता

मासूम मेरे दिल पर रखकर हाथ

मुहब्बत का सृजन करती हैं कविता


आँचल में छुपाती मुझको

आँख मिचौली खेलती हैं कविता

अनजानों का दुख दर्द बांट लेती

हरदम अनोखी हमदम मेरी कविता


शब्दों को मेरे महफूज़ हैं रखती

महफ़िलों के जश्न उठाती कविता

प्यार से जो मिले उसकी हो जाती

एहसासों का ठौर है कविता


सजदे में झुकती सबके

भूखे प्यासे की शमशीर है कविता

दुनिया का नंगा सच दिखलाती

अदब से पेश आती है कविता


कभी ना दिल का सौदा करती

डरती किसी से ना धौंस जमाती

सच्चाई हमेशा बयां है करती

सत्यमेव जयते है मेरी कविता






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