मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार....
मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार....
1 min
268
कंधों पर उठा माता पिता को
बना दिया श्रवण ने तीर्थ वरदान,
अपने बाबा के कंधों पर बैठ
ऊंचाइयां दिखाती,
वो बढ़ाती मेरा स्वाभिमान।
चल दिया श्रवण पूरा करने
अंधे माँ पिता के जीवन का अरमान
उसके बिन कहे शब्द, टूटी फूटी बोली
यदे-कदे दे जाती मेरे होठों पर मुस्कान।
मात पिता की इच्छा को रख सर्वोपरी
प्राण त्याग श्रवण बन गया महान
सुना है, बच्चे होते हैं भगवान का रूप
वो बना देती मेरे घर को देवस्थान।
वही मेरे जीवन का आधार
मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार।
