मेरे शहर में
मेरे शहर में
मेरे शहर में तू जब भी
आएगा
मेरे शहर की भीनी भीनी
मिट्टी की खुश्बू
तुझको हमेशा के लिए
अपना बना लेगी
तू चाह कर भी इन गलियों से
मुँह ना मोड़ पायेगा
इन गलियों में तुझे
अपनापन सा नजर आएगा
जितना प्यार तुमने हमसे है किया
उतना इस शहर से भी हो जाएगा
कहने को तो ये है मेरा शहर
और तू ठहरा परदेशी
फिर ये मेरा शहर तेरा
शहर बन जायेगा
यहाँ से जाने की तेरी
कभी इच्छा ना होगी
इसीलिए तो इसे लोग माया
नगरी कहते है
जो भी इस माया में खो जाता है
वो यही का होकर रह जाता है
बहुत मुश्किल है इस माया
नगरी से दूर जाना
यह है मेरा शहर ये है
मेरा शहर जो भी आता है
बस इस कि गलियों में खो जाता हैं ।।
