"मेरे पिता मेरी प्रेरणा"
"मेरे पिता मेरी प्रेरणा"
दिलाकर तालीम अच्छी सी मुझे काबिल बनाया,
सच्ची राह पर जीवन में सदा चलना सिखाया।
मेरी जिंदगी को हर कदम ख़ुशनुमा करते रहे,
इब्तिला भी सहे पर दर्द मुझे न सहने दिया।
मेरे जिंदगी के ख़्वाब को वह शिद्द्त से सजाते रहे,
सफल होने के गुर भी मुझे बताते रहे।
मेरे जिंदगी के हर अरमान को तात ने पूरा किया,
पर कभी आँख से अश्क को न बहने दिया।
इंसानियत के रास्ते पर वह सदा ही चलते रहे,
जिंदगी के नेक बनने पर सदैव ही जोर दिया,
जिंदगी के आखिरी वक्त तक सच के लिए लड़ते रहे,
मुजलिमों के पीर सहने की सदैव ही कोशिश किया।।
उनके सिखाए रास्ते पर चलना मेरा अब फ़र्ज है,
सीख जो भी दिए उनको निभाना मेरे लिए अब कर्ज है।
पिता की बन्दगी में सदैव शीश झुकता मेरा,
मनुजता की राह पर चलना अब कर्तब्य मेरा।।
सच का दामन न छोड़ूंगा बस आप जैसा ही बनूंगा,
नेकी के रास्ते पर आप जैसा ही बन कर चलूंगा।
अर्ज है ईश्वर से बस एक ही आज मैंने किया,
निभाता रहूँ जिंदगी भर जो सीख आप ने मुझको दिया।