मेरे हसीं ख़्वाब
मेरे हसीं ख़्वाब


आजकल हम भी एक काम,
यारों बड़ा गजब का करते हैं।
अब वो भी तो हमारे साथ नहीं,
हमारे हाथों में उनका हाथ नहीं।
चाहकर बात उनसे कर सकते नहीं,
पर यादों के सहारे तो ये पल कटते नहीं।
अब हम उनकी याद और देखने को बस ख़्वाब हैं,
बस यही एक जरिया अब बचा जनाब है।
सपनों में ही सही पर सच है दोस्तों,
जिंदगी भर साथ जीने-मरने का वादा है।
अब तो बस सपनों में ही होती है मुलाकात,
अब सपनों में होती जो खट्टी-मीठी बात।
नहीं काटती अब रात की तन्हाईयां,
सपनों में बज चुकी है हमारी शादी की शहनाईयां।