Shalini Kumari
Others
मैं, कुछ नहीं कहती,
पर, तुम समझ जाते हो।
मेरे दिल की हर बात,
कैसे, जान जाते हो।
दूर बैठे ही मेरे, होंठों पर,
मुस्कान तुम लाते हो।
ये कैसा जादू है जो,
मुझ पर तुम चलाते हो।।
फिर आई
संध्या काल
मेरे दिल की..
मिलती मुझे हा...
गुलाबी
हरा फिर से
नारंगी
ग्रे
हरा
पीला