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Anil Jaswal

Children Stories

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Anil Jaswal

Children Stories

मेरा संकल्प।

मेरा संकल्प।

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एक बार की बात,

जब मैं छात्र होता था,

हमारे कालेज के थे एक प्रोफैसर,

उनका हो गया स्थानांतरण,

नहीं कोई आया रिलीवर,

पढ़ाई का जोर था,

कोर्स अभी पूरा नहीं हुआ था,

छात्र, छात्राएँ परेशान,

अब क्या होगा श्रीमान।

तो फिर हमने दिमाग दौड़ाया,

आखिर हुआ निर्णय,

स्थानीय राजनेता से मिलने का,

उसके सामने अपनी बात रखने का।

सब दोस्त हुए इकट्ठा,

और गये उनको मिलने,

उन्होंने बहुत ध्यान से बात सुनी,

मुख्यमंत्री से तुरंत बात करने की ठानी।

मुख्यमंत्री बदकिस्मती से न मिल सके,

शिक्षा मंत्री से बात करने का हुआ निर्णय,

तुरंत शिक्षा मंत्री को मोबाइल लगाया,

और हमारी समस्या कह बतलाया।

शिक्षा मंत्री ने तुरंत स्टे आर्डर पकड़ाया,

मामला रफा-दफा हो पाया।


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