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Sarita Kumar

Children Stories

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Sarita Kumar

Children Stories

मेरा शहर

मेरा शहर

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शहर मेरे बचपन का 

मेरे अपनों का, मेरे सपनों का 

गुज़ारा था मैंने जहां ढ़ाई दशक 

भाई बहनों संगी सहेलियों के साथ 


स्कूल की पढ़ाई, कॉलेज की मस्ती 

होली दिवाली और शिक्षक दिवस 

दशहरा और कॉलेज के मेला 

किताबों का एक्जिबिशन 


चित्रों का मेला, सबसे ज्यादा

जिसका रहता था इंतज़ार 

वो जम्बों सर्कस 

पिंजरे में शेर और हाथी का करतब 


रिंग मास्टर का कंट्रोल 

और तारों पर झूलती रबर की गुड़ियों

जैसी लड़कियां और सबसे

खास सर्कस का वो जोकर।


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