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Jai Singh(Jai)

Others

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Jai Singh(Jai)

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"मेघ करो न अनदेखी

"मेघ करो न अनदेखी

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तीतरपंखी बादली,विधवा काजल रेख

वा बरसे वा घर करे,इनमें मीन न मेख

इनमें मीन न मेख ,रेत में चिडी नहावे

चींटी बदले स्थान,तीतरी शोर मचावे

बात बनी यह सांच,मेघ करो न अनदेखी

खूब करें बरसात, बादली तीतरपंखी।


     


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