"मेघ करो न अनदेखी
"मेघ करो न अनदेखी
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तीतरपंखी बादली,विधवा काजल रेख
वा बरसे वा घर करे,इनमें मीन न मेख
इनमें मीन न मेख ,रेत में चिडी नहावे
चींटी बदले स्थान,तीतरी शोर मचावे
बात बनी यह सांच,मेघ करो न अनदेखी
खूब करें बरसात, बादली तीतरपंखी।
