मौत तो मुकम्मल है
मौत तो मुकम्मल है

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मौत तो मुकम्मल है
यक़ीनन तुमसे मिलने आएगी
अपनी बाहों का हार
बड़े प्यार से तुम्हें पहनाएगी
ठहर जा या तैर ले
जिंदगी कब तक तुम्हें अपनाएगी
बंद कर मर कर जीना
देखते ही जिंदगी उजड़ जायेगी
जो है उसे ही संभाल
ये प्यास कभी न मिट पायेगी
खाली हाथ आया था
मौत तुझे अकेले ही ले जायेगी
अच्छे कर्मों के रास्ते
तेरी एक पहचान बन पायेगी
जिंदगी तो दिखावा है
मौत तुम्हें हक़ीक़त दिखाएगी..
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(एकांत)
शशिकांत शांडिले, नागपुर
मो.९९७५९९५४५०