STORYMIRROR

AVINASH KUMAR

Others

3  

AVINASH KUMAR

Others

मैं हूँ एक सदी

मैं हूँ एक सदी

1 min
226

मैं हूँ एक सदी की तरह और

तुम हो एक नदी की तरह

बड़ी ही अनोखी है तुमसे प्रीति,

मेरे तेरे प्रेम की विरह


मानती हो अगर मुझ को अपना सागर

तो नदी बन के मेरी तरफ बहना होगा


मानती हो यदि स्वयं को मेरी शक्ति 

तो सती बन मेरे लिए लड़ना होगा


मेरे अधरो पर रख अपने अधर

मेरे जीवन का पूर्ण विष पीना होगा


मेरी हर ज्वाला को मेरे हर ताप को

मन में बसे हर संताप को  


अपने शीश धरे गंगा जल से

तुम को ही शीतल करना होगा 


रिक्त पड़े इस हृदय के हर कोने को 

बस अपने प्रेम से भरना होगा 


मानती हो अगर मुझ को अपना सागर 

तो नदी बन मेरी तरफ बहना होगा


Rate this content
Log in