मैं हार गई
मैं हार गई
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शाम की सुनहरी धूप
आंगन में उतर आई थी,
तुम कॉलेज से अब तक न लौट थे।
मैं बड़ी विचलित हो
बार बार दरवाज़े को देखती,
इतनी देर तुम कहाँ रह गये।
पहले तो कभी ऐसा नहीं किया,
तभी मोबाइल बज उठा,
मैं सुनकर आवक थी
बेटी रूना ने फोन ले लिया था।
वो अब रो रही थी और कह रही थी
माँ चलो--माँ चलो
भाई को बहुत लगा है।
तुम पलँग पर पड़े थे निर्जीव से,
तभी इंस्पेक्टर ने कहा,
मैडम यही हैं वो लड़का
जिसने आपके बच्चें पर
अपनी बाइक चढ़ा दी
मैने सवालिया नज़रें
उसकी तरफ उठा दीं
वो बोला-मैं इसे बार बार कह रहा था
इंडिया जीतेगी, इंडिया जीतेगी,
धोनी छक्का मारेगा, धोनी छक्का मारेगा
पर ये हर बार कहता था,
चौका मारेगा, चौका मारेगा
और चौका ही आता था
इसलिए मार दिया
इस खोड़ल ज़बान को।
आँटी अब ये नहीं बोलेगा
और हम वर्ल्ड कप जीत जायेगे।
तब मैंने डबडबा आई आँखों से
उसे देखते हुए कहा
तुम जीत गए बेटा और मैं हार गई।