मायका और ससुराल
मायका और ससुराल
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तबीयत खराब तो मायके में हुआ करती थी
ससुराल में तो बस बहाने हुआ करते है
थोड़ा देरी से उठने पर खैरियत मायके में
यहाँ स्वागत में कई ताने हुआ करते है
मस्ती सारी रह गई मायके में ही कहीं
ससुराल में फर्ज के खजाने हुआ करते है
प्यार, अपनापन किससे कितना मांगे
हर बात के यहाँ पैमाने हुआ करते है
माँ तूने भी तो देखा न ये सब
फिर क्यों सास के जमाने हुआ करते है
लड़की जन्म वाले घर में रही ही नहीं
क्यों सास बहु के अलग फ़साने हुआ करते है
थोड़ा तुम समझो, थोड़ा मैं बदलू
दो फूल ही बड़े नजराने हुआ करते है
ख़त्म करते है न! हक तेरा मेरा
आज के नए कल पुराने हुआ करते है
दोस्ती न सही हमारे दरमियाँ
अच्छी शुरुआत से रिश्ते सुहाने हुआ करते है
