माया
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जीवन मे जब तक रंग हो
संसार मे अपनो का संग हो।
कही दुख हो न कही गम हो
यह उल्लास का क्षण न कम हो ।।
कही धूप कही छाया हो
सुख दुख का साया हो ।।
संसार मे माया हो
काश हमने कुछ सुख पाया हो ।।
कुछ मूल्य नही जीवन का
जब तक उसमे रस न हो
सबमे सब कुछ हो
पर हममे कुछ न हो
यही सब माया है
संसार मे सुख दुख का साया है
कोई इसे समझ न पाया है
जो इसे समझ पाया है
वो भी इसके जाल से निकल न पाया है।।