मानवाधिकार
मानवाधिकार
एक अधिकार
जो सबको समान अधिकार देता है,
एक अधिकार
जो सबको इंद्रधनुष सा समझता है,
वो जो नस्ल, रंग, लिंग, भाषा, धर्म पर
मानवों में भेद नहीं करता है,
जो आधी आबादी को
दूसरी आधी आबादी के समतुल्य ही समझता है।
एक अधिकार
जो कई अधिकारों को समाए है
वो जो यातना, प्रताड़ना और क्रूरता से आजादी दिलाये हैं
वो अधिकार जो गुलामी या दांस्ता की बेड़ियों को तोड़ देता है
वो जो प्रत्येक व्यक्ति को
जीवन, आजादी और सुरक्षा का अधिकार देता है।
वो जो कमजोरों की मजबूत ढाल है
वो जो निराश जीवन का संगीत ताल है
वो अधिक
जो रोक लेते हैं किसी को प्रताड़ित होने से
वो जिसकी वजह से सूरज आज भी लाल है।
वो अधिकार
जो सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देता है
वो जो देता है आजाद विचारों को नए पंख ,
वो जो विश्वास और धर्म की
स्वतंत्रता का अधिकार देता है,
वो जो लगाता है लगाम मन चलों पर ,
वो जो समझता है निर्दोष ,
अपराध सिद्ध न होने तक
वो जो रोकता है मनमानी गिरफ्तारी
वो जो निर्वासन से स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
वो जो एक मजबूत रिश्ता बनाता है
वो जो विवाह और परिवार के अधिकार दे,
समाज को एक रंग में रंग जाता है
वो जो खुद अक्षर बन ज्ञान हो जाता है,
वो जो सभी को शिक्षा का अधिकार दे जाता है
वो जो सिखाता है तरीके से रहना,
वो जो जीने का अधिकार दे जाता है।
कमजोर लाचार की वो लाठी है
वो निष्पक्ष सुनवाई की परिपाटी है
जो देता है सक्षम न्यायाधिकरण स्वतंत्रता
रख वसुधैव कुटुम्बकम की सोच
जो देता है राष्टीयता को भी बदलने की स्वतंत्रता।
वो जो व्यक्तिगत सुरक्षा के बारे में भी सोचता है
वो जो अपनी संपत्ति के भी अधिकार देता है,
वो जो देता है संघ और सूचना का अधिकार भी
वो जो विचारधारा,
अन्तरात्मा की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
हाँ यही सब तो अधिकार हमारे हैं
थोड़ा जागरूक हो, और जागरूक करें औरों को
सभी समझे कितने महत्वपूर्ण अधिकार ये सारे हैं।
