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बोधन राम निषाद राज

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बोधन राम निषाद राज

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माँ

माँ

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माँ से ही संसार है, माँ ही तारनहार।

माँ जगजननी शारदा, जग की खेवनहार।।

माँ ही धरा वसुंधरा, माँ ममता की खान।

माता कष्ट निवारणी, कर माँ का गुणगान।।

माँ की महिमा है बड़ी, जग में प्यारा नाम।

दिल से सुमिरन कर चलो, बनते बिगड़े काम।।

चरण कमल में ध्यान हो, मन में हो सम्मान।

मिले सफलता हर घड़ी, माँ का है वरदान।।

माँ से बड़ा न देव है, सब माँ की सन्तान।

माता लक्ष्मी कालिका, इनके रूप महान।।


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