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Anita Sudhir

Others

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Anita Sudhir

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माँ

माँ

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कोई शब्द नहीं मेरे पास

जो तुमको बयान करे माँ,

लेखनी की बिसात नही

जो तुम्हें परिभाषित करे माँ।


तुम असीमित, अपरिमित,

रोम रोम मे समाई हो माँ,

जीवन की कड़ी धूप में 

शीतल छाँव किये रही माँ।


प्यार ,अनुशासन से जीवन 

परीक्षा के पाठ पढ़ाई माँ ,

आदर्श प्रस्तुत कर रिश्तों 

का महत्व बताया तुमने माँ ।


त्याग और समर्पण की मिसाल बनी

मेरा व्यक्तित्व रच गयीं माँ,

तुम्हारा ही अनुसरण करते रहे 

माँ के गुण मुझे प्रदान कर गईं माँ।


तुम कभी लाड़ नहीं जताई माँ 

और मैं कभी अपने को 

व्यक्त नहीं कर पाई माँ,

तुम्हारा घर से कभी जाना 

बड़ा अखरता था माँ ,

इसीलिए मैं बच्चों को छोड़ 

बाहर नहीं जा पाई माँ।


आज उम्र के इस पड़ाव 

पर भी आप ही सहारा बनती हो माँ,

परेशानियों को अभी भी 

तुरंत हल करती हो माँ ।


तुम संबल बन साथ रहो

इतनी सी चाहत है माँ,

तुम्हारा ही प्रतिबिम्ब बनूँ 

ये आशीर्वाद दे दो मेरी माँ ।


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