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Babu Dhakar

Others

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मां भारती

मां भारती

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भव पार करने वाली हे मां भारती

मन मनोरथ निर्मल करो माँ बन सारथी

हम सदैव मन मन्दिर में उतारते रहें मां आपकी आरती

हम पर कभी कम ना हो कृपायें मां आपकी

सब स्वार्थ से परे हो निभायें अपने कर्तव्य मां भारती

जग के हित अपने सपने भले छूटे मां कल्याणी

कृपा का सिंधु है मां आपका दया सागर

इस सागर से हे मां हमारा मन भरे गागर

कुछ तथ्यों पर सत्य का पथ करो मां प्रदान

मन के गागर मे सद्‌भावो का जल सदा करें मां उफान ।

पति त पावनी हे माँ सद्गुणो का संसार दो

शापित मन को हे मां अपने आंचल में स्थान दो

रक्षित करो मां हमें हम आये है तेरी शरण को

तुच्छ हमारी कृति में प्रकृति बन हमें हे मां तार दो ।

भव पार करने वाली हे मां भारती

मन मनोरथ निर्मल करो माँ बन सारथी ॥ 


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