लंका में बजरंगबली
लंका में बजरंगबली
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मान बची ना गुमान बची हनुमान हो कइसे के शान बची ।
हिया में सिया क गोहार मचे दुतकारी सबे न त आन बची ।
दउड़ा जा भागा तू पता लगावा पढ़ावा पहाड़ा ना भान बची ।
सियाराम से राम होइ अलगा त हे देहीं में ना मोरा जान बची ।
हे राम बिराम न लेब कबों न त सुतब ना थकले भर काया ।
लंक रही न कलंक रही दशकंध क ना जरिको चली माया ।
एक ही डर बा हे पुरुषोत्तम दाहिन बाँव न होइँ बचाया ।
सागर पार करीं सरकार त हाथ उठाई के नेह लुटाया ।