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Jayantee Khare

Others

5.0  

Jayantee Khare

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लंबे सफ़र की है थकन

लंबे सफ़र की है थकन

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उम्र का ये दौर है

अब वो कोई और है

है कभी हताश सा,

उदास और निराश सा।


अनजान आगे का सफ़र ,

बूढ़ा हुआ है यह शज़र

इससे जिनको छाँव मिले,

उनसे ही कई घाव मिले।


कुछ रहे बैराग सा

कुछ मन में राग सा,

लंबे सफ़र की है थकन

दिल में है कैसी जलन।


सफ़र है मंज़िल नहीं,

अब रहे न ख़ाब ही,

सूनापन घर भर में है

वक़्त अब कटता है नहीं।


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