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Rani Kumari

Others

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Rani Kumari

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लक्ष्य निगाहों में

लक्ष्य निगाहों में

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अदम्य जोश,उत्साह और साहस

अपने मन-मस्तिष्क में भर चले हैं

दृढ़ संकल्प कर संघर्ष पथ पर 

बाधाओं से टकराने चल पड़े हैं।


चाहे राह में जितने रोड़े आएं

तनिक भी अब परवाह नहीं

बिना परिश्रम के जो मिल जाये

ऐसी मंजिल की कभी चाह नहीं।


माँ ने अपने रक्त से सींचकर

दी है अकूत ताकत भुजाओं में

न आने देंगे भटकाव मन में 

हैं अपना लक्ष्य निगाहों में।


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